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अर्धनारीश्वर चिकित्सा वेलनेस न्यूरोथैरेपी बनेगी दुनिया की तीसरी बड़ी चिकित्सा पद्धति – आचार्य राम गोपाल दीक्षित

अर्धनारीश्वर चिकित्सा वेलनेस न्यूरोथैरेपी जन-जन तक पहुंच रही है – मुख्यमंत्री आदरणीय रेखा गुप्ता जी

अर्धनारीश्वर चिकित्सा वेलनेस न्यूरोथैरेपी भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र मैं बन रही आशा की किरण – पूज्य आचार्य डॉक्टर लोकेश मुनि जी

न्यूरोथैरेपी से देश की बेरोज़गारी तथा बीमारी की समस्या एक साथ ठीक हो सकती है – माननीय मनमोहन वैद्य जी

आज दिनांक 23 अगस्त 2025 को दिल्ली पहाड़गंज स्थित उदासीन आश्रम में आरोग्य पीठ द्वारा वैलनेस न्यूरोथैरेपी दिवस एवं 12वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए दिल्ली की माननिया मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि अर्धनारीश्वर चिकित्सा वेलनेस न्यूरोथैरेपी को जन-जन जनता पहुंचने के लिए इसके लिए लोगों को जागरूक करना बहुत ज़रूरी है । बिना दवा बिना मशीन एवं बिना किसी कुप्रभाव के लोग ठीक होना चाहते हैं उन्हें न्यूरोथैरेपी के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है । श्रीमती रेखा गुप्ता दिल्ली के लोगों को इस चिकित्सा पद्धति का लाभ अधिक कैसे मिले इसके लिए दिल्ली के कई स्थानों पर इस प्रकार के उपचार केदो का संचालन करने के लिए कहा एवं दिल्ली सरकार से जो भी संभव मदद होगी उसका आश्वासन भी दिया ।
कार्यक्रम में आरोग्य पीठ के संस्थापक एवं अर्धनारीश्वर चिकित्सा वेलनेस न्यूरोथैरेपी विशेषज्ञ आचार्य रामगोपाल दीक्षित जी द्वारा लिखित पुस्तक “अर्धनारीश्वर चिकित्सा परिचय” का लोकार्पण भी किया गया।

कार्यक्रम अपना आशीर्वचन देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य माननीय मनमोहन वैद्य जी ने कहा वैलनेस न्यूरोथैरेपी से भारत बेरोजगारी को समाप्त करने में बहुत सहायक होगी कि एक चिकित्सा पद्धति से कोई भी व्यक्ति रोजगार को बहुत आसान तरीके से और कम लागत में शुरू कर सकता है वह पैसे के साथ-साथ मान सम्मान भी प्राप्त करेगा । इसमें बहुत कम खर्च में युवाओं को रोज़गार मिलने की असीम संभावनाएं हैं । उन्होंने कहा मैंने स्वयं इस पद्धति से उपचार कराया है जिसके सुखद परिणाम देखने को मिले। मुझे लगता है न्यूरोथैरेपी कौशल को सीखना एवं करना दोनों ही बहुत सरल होने के कारण रोज़गार के लिए युवाओं की यह पहली पसंद बन रही है । आचार्य राम गोपाल दीक्षित के प्रयास से इसे भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कराना तथा उच्च शिक्षा के लिए बीर टिकेंद्र जीत विश्वविद्यालय में डिग्री कोर्स प्रारंभ होना देश एवं दुनियाँ के युवाओं को अधिक आकर्षित करेगा।

कार्यक्रम में उपस्थित जैन आचार्य लोकेश मुनि जिन्होंने आचार्य रामगोपाल दीक्षित के बारे में बोलते हुए कहा कि इनकी त्याग और तपस्या से देश को एक नई आरोग्य क्रांति मिली है आचार्य दीक्षित जिस प्रकार समर्पित भाव से इस विज्ञान को बढ़ा रहे हैं यह बहुत शीघ्र ही देश और दुनिया की बड़ी चिकित्सा पद्धति बनकर उभरेगा। अमेरिका एवं कनाडा में आचार्य रामगोपाल दीक्षित द्वारा दिखाए इसके चमत्कारों/प्रभावों को इन लोगों ने बहुत सराहा है ।उन्होंने कहा जब देश की आधी से अधिक आबादी ग़रीबी रेखा के नीचे जीवन व्यतीत कर रही हो तथा 70% आबादी ग्रामीण भारत में रहती हो ऐसे में महंगा उपचार उस के लिये संभव नहीं है। न्यूरोथैरेपी बिना दवा, बिना मशीन के सरल, सफल, बिना खर्च तथा निरापद होने के कारण लोगों के रोग उपचार तथा रोज़गार लिए आशा की किरण बन सकती है ।

आरोग्य भारती के संगठन सचिव आदरणीय डॉक्टर अशोक वार्ष्णेय जी ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि आरोग्य पीठ के प्रयास की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि एक प्राचीन विज्ञान को अनौपचारिक से अब ऑपचारिक विज्ञान के रूप में प्रस्तुत करना मानवता के लिए किया गया महान प्रयास है। मैं सरकार के स्तर पर आपके हर प्रयास का साथ देने के लिए तत्पर हूँ ।

कार्यक्रम के सूत्रधार एवं आरोग्य पीठ के संस्थापक न्यूरोथैरेपी विशेषज्ञ आचार्य रामगोपाल दीक्षित जी ने कहा कि हमें डॉक्टर लाजपत राय मेहरा के सपनों का भारत बनाना है । आचार्य जी ने कहा डिस-ईज़ एवं डिस-ऑर्डर का कारण शरीर में अर्धनारीश्वर का डिस- बैलेंस है, यह कॉनसेप्ट दुनिया के सामने रखा है। इसी डिस-बैलेंस को डायग्नोज करने वाली पुस्तक “अर्धनारीश्वर चिकित्सा परिचय” का लोकार्पण उपस्थित महानुभावों ने किया है । उन्होने पुस्तक के संबंध में बोलते हुए कहा कि इस पुस्तक में अर्धनारीश्वर चिकित्सा के परिचय का संपूर्ण वर्णन किया है। इसमें आधुनिक विज्ञान के रेडियोलॉजी एवं पैथोलॉजी सिर्फ़ दर्शन निदान के अन्तर्गत आने वाले एक भाग हैं जो बहुत महंगे भी हैं । रोग को जाँचने के लिए हमें सरल, सहज, किफायती एवं निरापद प्रकारों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। हज़ारों वर्षों से आयुर्वेद में वर्णित नाड़ी परीक्षण से रोगी की सम्पूर्ण अवस्था के बारे में पता किया जाता था । आज ये विलुप्त हो गई है हमें इन सभी को पुनर्जीवित करने के लिए काम करना है । मेरे द्वारा लिखित पुस्तक अर्धनारीश्वर चिकित्सा परिचय इसी दिशा में एक छोटा प्रयास है ।
आचार्य दीक्षित ने कहा अर्धनारीश्वर चिकित्सा वैलनेस न्यूरोथैरेपी में दुनिया की तीसरी बड़ी चिकित्सा पद्धति बनाने का सामर्थ्य हैं । एलोपैथ एवं होम्योपैथी के बाद यही विज्ञान दुनिया के आरोग्य का साधन बनेगा । बिना दबा, बिना मशीन एवं बिना किसी कुप्रभाव के, कभी भी एवं कहीं भी परिणाम दिखाने के कारण, यह दुनिया की पहली पसंद बनता जा रहा है । उन्होंने आये हुए छात्रों को आह्वाहन करते हुए कहा कि हमें इस विज्ञान की प्रैक्टिस प्रोफ़ेशनल तरीक़े से करने का स्वभाव विकसित करना है। भारत के युवा दुनिया के अंदर इस विज्ञान को लेकर जाएंगे तथा दुनिया की आशा की किरण बनकर उभरेंगे । चुनौतियां अनेक हैं लेकिन हमारा संकल्प भी बहुत दृढ़ है । हमें नये नये मार्ग बनाने हैं एवं उन पर संगठित हो कर द्रुत गति से आगे बढ़ना है ।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध शिक्षा वेद आदरणीय जय भगवान गोयल जी, दिल्ली एम्स के डॉक्टर आदरणीय विवेक दीक्षित जी, दिल्ली आईआईटी के प्रोफेसर आदरणीय भट्ट जी, बीर टिकेंद्रजीत विश्वविद्यालय की रिसर्च डायरेक्टर डॉक्टर कविता चौधरी जी, प्रसिद्ध शिक्षाविद श्री गोविन्दराम अग्रवाल एवं प्रसिद्ध शिक्षाविद श्री राजेन्द्र गोयल, श्री सत्य प्रकाश, श्री सुमंत कुमार जी, इन्जीनियर श्री राजीव तिवारी, श्रीमती राजश्री पाटील जी, श्रीमती कुसुम दीक्षित सहित अनेक महानुभावों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया । देश भर से आए 192 छात्रों को दीक्षांत समारोह के अंतर्गत सर्टिफ़िकेट वितरित किए गए।

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