अर्धनारीश्वर के संतुलन से ही सही हो सकते हैं असाध्य रोग – आचार्य डॉ. मोहन गुप्ता
अर्धनारीश्वर चिकित्सा वैलनेस न्यूरोथैरेपी है नैचुरोपैथी चिकित्सा की पूरक ।
प्रत्येक महीने आरोग्य पीठ द्वारा आयोजित होने वाली व्याख्यामाला का आयोजन आज दिनांक 23 नवंबर 2024 को दिल्ली के पटेल नगर केंद्र पर हुआ जिसका विषय विषय प्राकृतिक चिकित्सा का हमारे दैनिक जीवन में महत्व था ।
कार्यकम के मुख्य वक्ता प्रसिद्ध नैचुरोपैथी गुरु M.sc, PhD, आचार्य डॉ. मोहन गुप्ता जी एवं प्रसिद्ध योग, नैचुरोपैथी गुरु श्रीमती पूजा बंसल जी रहे ।
कार्यकम की भूमिका बताते हुए आरोग्य पीठ के संस्थापक आचार्य रामगोपाल दीक्षित जी ने बताया कि अर्धनारीश्वर चिकित्सा वैलनेस न्यूरोथैरेपी किस प्रकार नैचुरोपैथी चिकित्सा की पूरक है दोनों पद्धित ही प्राकृतिक रूप से उपचार करती हैं एवं बिना किसी दवाई व दुष्प्रभाव के रोगों से मुक्ति दिलाती हैं ।
व्याख्यान माला कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आचार्य गुप्ता जी ने बताया कि किस प्रकार हमारे शरीर में असाध्य रोग आते हैं उनके आने के क्या कारण हैं व उनसे किस प्रकार निजात पा सकते हैं ।
उन्होंने कहा कि शरीर का वेस्ट बाहर न निकलने से आते हैं असाध्य रोग । रोग एक है लेकिन उनकी अवस्थाएं अलग अलग है जैसे सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, उल्टी एवं दस्त यह सभी बीमारियां हमारी दुश्मन नहीं है यह हमारी मित्र हैं जो हमारे शरीर की गंदगी बाहर निकालते हैं । आचार्य गुप्ता जी ने बताया कि किस प्रकार आधुनिक मानव ने दवाइयां खा कर बीमारी को खुद दावत दी है । आचार्य गुप्ता जी ने बताया कि दवाई बीमारी को खत्म नहीं करती रोकती है बल्कि उसके बाद दवाई के साइड इफेक्ट के कारण वह बढ़ जाती हैं । उन्होंने कहा कि खतरा बीमारी से नहीं दवाई से है । जब हम बीमारी को पहली अवस्था में नहीं रोकते हैं तो वह बीमारी आगे की अवस्था में जाती है फिर वह हमारे लिए असाध्य बन जाती है । गुप्ता जी ने बताया कि किस प्रकार हम अपनी दैनिक जीवन शैली को प्राकृतिक तरीके से अपना कर अनेक असाध्य रोगों से मुक्त हो सकते हैं ।
कार्यक्रम में आरोग्य पीठ के संरक्षक आदरणीय गोविंद राम अग्रवाल जी प्रसिद्ध शिक्षाविद, आरोग्य पीठ के महामंत्री आदरणीय राजीव तिवारी जी इंजीनियर, आरोग्य पीठ अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के निदेशक आदरणीय राजेंद्र गोयल जी प्रसिद्ध शिक्षाविद सहित आरोग्य पीठ से स्वास्थ्य लाभ लेने वाले रोगी एवं शिक्षार्थी उपस्थित रहे ।
कार्यकम आदरणीय राजेंद्र गोयल जी के द्वारा धन्यवाद एवं कल्याण मंत्र सहित संपन्न हुआ ।